home banner

गाजियाबाद दूधेश्वर मंदिर में बाजार की मिठाई चढ़ाने पर रोक : गाजियाबाद के हनुमान मंदिर में भी नियम लागू, फल-नारियल और पंचमेवा चढ़ा सकेंगे भक्त

गाजियाबाद के हनुमान मंदिर में भी नियम लागू, फल-नारियल और पंचमेवा चढ़ा सकेंगे भक्त

ghaziabad-news

तिरुपति मंदिर के लड्डू में मिलावट के मामले के बाद गाजियाबाद के मंदिरों में नए नियम लागू किए गए। प्रसिद्ध दूधेश्वरनाथ महादेव मंदिर और प्राचीन हनुमान मंदिर में अब बाजार की मिठाई का प्रसाद नहीं चढ़ेगा। यहां सिर्फ फल और श्रीफल (नारियल) का ही प्रसाद चढ़ाया जा सकेगा।

दोनों मंदिरों में ये नियम 30 सितंबर और 01 अक्टूबर से लागू हो जाएंगे। इस ऐलान के बाद स्थानीय दुकानदार परेशान हैं। उनका कहना है कि ऐसे तो हमें आर्थिक संकट का सामना करना पड़ेगा। वहीं, मंदिर प्रशासन और समिति का कहना है कि वह इस नियम को सख्ती से लागू करेंगे।

गाड़ी पूजन के लिए भक्त प्रसाद में चना, गुड़, फल लाएं 

दूधेश्वरनाथ महादेव मंदिर के प्रमुख महंत नारायण गिरि महाराज ने बताया- अगले मंगलवार से प्राचीन हनुमान मंदिर चौपला बाजार पर कोई भी बाजार की मिठाई नहीं चढ़ेगी। किसी भी दुकान, किसी भी रेहड़ी वाले का प्रसाद मंदिर पर नहीं चढ़ाया जाएगा। भक्तों को प्रसाद चढ़ाना है तो वो घर से शुद्ध लड्डू बनाकर ला सकते हैं।

नारायण गिरि ने कहा- भक्त चना, धागे वाली मिश्री, गुड़, फल चढ़ाए जा सकेंगे। इसी तरह दूधेश्वरनाथ मंदिर में विशेष रूप से जो भक्त गाड़ी पूजन के लिए आते हैं, वो चना, धनिया, गुड़, नींबू, नारियल लेकर आएं। मिठाई किसी भी प्रकार की स्वीकार नहीं होगी। मंदिर में सोमवार (30 सितंबर) से किसी भी प्रकार की मिठाई नहीं चढ़ाई जाएगी। सिर्फ पंचमेवा, फल, नारियल चढ़ाया जाएगा।

 

मंदिर की गौशाला से लगता है भोग

 दूधेश्वरनाथ महादेव मंदिर के अंदर ही गौशाला है। इसमें देसी गायों के दूध से बने शुद्ध पदार्थों का भोग ही महादेव को सुबह, दोपहर, शाम और रात में लगाया जा सकता है। अब जो भक्त प्रसाद लाते हैं, उन पर भी बाजार से मिठाई लाकर चढ़ाने पर पाबंदी लगा दी गई है।

मंदिर की पवित्रता बनाने को लिया फैसला 

नारायण गिरि महाराज ने कहा- आज जब मिठाइयों में इस कदर मिलावट हो रही है और जांच भी ठीक प्रकार से नहीं हो रही है तो मिठाई का भोग भगवान को लगाना सनातन धर्म और शास्त्रों के विरूद्ध है। ये मंदिर की पवित्रता को भंग करने जैसा है। मंदिरों की पवित्रता व मान्यता को बरकरार रखने के लिए यह निर्णय लिया गया है।

Copyright © 2024 - 2025 PHM News. All Rights Reserved.